रामधारी सिंह दिनकर की किताब रश्मीरथी में एक जगह वर्णन आता है। इंद्र को अर्जुन की जान बचाने के लिए कर्ण से दान के रूप में कवच कुंडल माँगना होता है। तो वह गरीब ब्राह्मण के वेश में कर्ण से दान प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत होते है। पहले वो नही बताते कि दान के रूप में क्या चाहिए। सर्वप्रथम कर्ण की प्रतिज्ञा लेना चाहते है कि जो भी इंद्र माँगेंगे वो उससे मुकरेगा नही। फिर इसके बाद कर्ण का सम्वाद आता है, जो इस प्रकार है –
“क्षुद्र पात्र हो मग्न कूप में जितना जल लेता है,
उससे अधिक वारि सागर भी उसे नही देता है।”
यहाँ पर मैं शब्द लेना चाहूँगा क्षुद्र पात्र का। उदाहरण के लिए लोटे का पात्र। चाहे उसे आप बाल्टी में डुबाओ, कुए या समुंदर में , पानी उतना ही निकाल पाएगा जितनी उसकी क्षमता है। जितनी उसकी पात्रता है। उससे अधिक नही। अतः यही बात आकर टिक जाती है, कि कुछ बड़ा पाने के लिए आपको पहले खुद को तैयार करना पड़ेगा। खुद की पात्रता बढ़ानी पड़ेगी, क्षमता और सोच बढ़ानी पड़ेगी। जितनी बड़ी पात्रता होगी, भविष्य में सही समय आपने पर उतना ही ज़्यादा सफलता भी देगी। अब ये पात्रता और सोच कैसे बढ़ेगी इसके बारे में हम आगे के लेख में विचार करेंगे।
ये पात्रता वाली बात मैंने दो चार और किताबों में पढ़ी है। लेकिन इसे लिखते समय उन किताबों के नाम याद नही आ रहे। अतः उनका नाम लिखने से बच रहा हूँ। उन सब किताबों में कुछ कुछ नीचे लिखी भाषा में ही मैंने पढ़ा था –
To get more, first you have to prepare yourself. You got to increase your capacity and bring some changes in your day to day life. You may not get success in short term. But these preparation and changes will prepare you for gains in long term. These changes vary from one to another. It could be your daily habits, lifestyle or positive thinking. Having good lifestyle does not mean to have a lavish life but healthy and hygienic day to day life.
पात्रता कैसे बढ़ाए
मेरे विचार से आप अभी तक कई सफल लोगों के बारे में पढ़ चुके होंगे। उन लोगों को पढ़ने के बाद कुछ चीजें कॉमन रूप से उभर कर आती है। जैसे प्रथम उन्होंने अपना सोच बड़ा रखा। दूसरे अपनी एक स्वस्थ जीवनी रखी। पढ़ने, सुनने और सहने की आदत बनाए रखी इत्यादि। इसके लिए आपको एक किताब की सलाह दे सकता हूँ – रोंडा बिरन ( Rhonda Byrne) द्वारा लिखित ‘ The Secret’। जोसेफ मर्फ़ी द्वारा लिखित किताब ‘ The Power of Your Subconscious Mind’ भी इसी के बारे में बात करती है। किस चीज़ को आप प्राप्त करना चाहते है उसे अपने सोच में लाइए। धीरे धीरे उसे अपने subconscious माइंड के अंदर जाने दीजिए।
पात्रता बढ़ाने के लिए आप कार्य के reversal effect पर भी ध्यान दे सकते है। उदाहरण के लिए कोई घटना होती है तो इसमें शामिल होते है – कारक – समय- और नतीजा। फिर आता है नतीजे के बाद की सोच और कार्यप्रणाली में बदलाव । समय और नतीजा हमारे हाथ में नही। लेकिन कमसे कम हम कारक और उसके बाद की सोच और कार्यप्रणाली वाली बात तो अपने में ला ही सकते है। कारक यानी कि आपनी पात्रता बढ़ाइए। सोच और कार्यप्रणाली कैसी हो उसको हम सफल वयकित्यो के जीवन से उठा कर ले सकते है। जैसे एक सफल व्यक्ति की क्या क्या अच्छी आदते है। उनकी सकारात्मक सोच और उनके काम करने के तरीक़े इत्यादि।
लेख के अंत में यहाँ मैं एक स्पाइडर मैन मूवी से लिया हुआ dialogue quote करूँगा।
With great power comes great Responsibility. इसका उल्टा भी सही है – with great responsibility comes great power.
Truly motivating
कुछ महीने पहले मैंने नवाजुद्दीन सिद्दीकी का एक मोटिवेशनल वीडियो देखा था। अपने काम में महारत हासिल करने के लिए उस काम से संबंधित डीटेलिंग इकट्ठा करने की बात बता रहे थे। अपने संघर्ष, उतार चढ़ाव के साथ साथ अपने उन दिनों की सतत तैयारी की बात भी बताए। काफी प्रभावित किए । सार यही की पात्रता बढ़ाओ।
रवि जी के द्वारा अच्छा प्रेरक लेख। साथ ही वो खुद की पात्रता भी बढ़ा रहे हैं।
धन्यवाद सागर जी। आपने बहुत ही सही उदाहरण यह पर दिया है। इसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
धन्यवाद।